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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् अधिनियम, 1987 (All India Council for Technical Education Act, 1987)

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (AICTE) की स्थापना का मूल उद्देश्य भारत में तकनीकी शिक्षा के स्तर को समन्वित और गुणात्मक रूप से विकसित करना था। 1945 में पहली बार एक परिषद के रूप में गठित होने के बाद, AICTE को 1987 में संसद द्वारा पारित अधिनियम के तहत एक वैधानिक संस्था का दर्जा प्राप्त हुआ। इस अधिनियम का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में मानकों का निर्धारण, नियमन, और गुणवत्ता सुनिश्चित करना था। यह अधिनियम 23 दिसंबर, 1987 को लागू हुआ और इसके माध्यम से AICTE को देशभर में तकनीकी संस्थानों के लिए नीतियाँ बनाने, अनुमोदन प्रदान करने, और उनके कार्यों का निरीक्षण करने का अधिकार दिया गया।

AICTE अधिनियम, 1987 ने भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया। इससे पहले, तकनीकी संस्थानों के मानकों में असमानता थी और गुणवत्ता की कमी एक बड़ी चुनौती थी। इस अधिनियम के माध्यम से, एक केन्द्रीकृत प्रणाली स्थापित की गई जिसने देशभर में तकनीकी शिक्षा को मानकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, AICTE इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था है।

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