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इलेक्‍ट्रानिक सिगरेट (उत्पानदन, विनिर्माण,आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय,वितरण, भंडारण और विज्ञापन)प्रतिषेध अधिनियम, 2019 (The The Prohibition of Electronic Cigarettes (Production, Manufacture, Import, Export, Transport, Sale, Distribution, Storage and Advertisement) Act, 2019)

भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) के बढ़ते प्रचलन और इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए सरकार ने इसे प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा ई-सिगरेट के हानिकारक प्रभावों की रिपोर्ट्स के बाद, भारत सरकार ने 2019 में इस अधिनियम को लागू किया। यह अधिनियम 18 सितंबर, 2019 से प्रभावी हुआ और इसके तहत ई-सिगरेट से संबंधित सभी गतिविधियों—जैसे उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन—पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया।

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य जनता के स्वास्थ्य, विशेषकर युवाओं और किशोरों, को ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों से बचाना है। ई-सिगरेट में निकोटीन और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं, जो फेफड़ों और हृदय के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, ई-सिगरेट के विज्ञापनों को लक्षित करके युवाओं को इसकी लत लगाने की आशंका भी इस प्रतिबंध का एक प्रमुख कारण थी।

इस अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार ने ई-सिगरेट के प्रसार को रोकने और जन स्वास्थ्य की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह अधिनियम तंबाकू उत्पादों के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह अधिनियम अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे ई-सिगरेट जैसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाकर जनता के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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