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उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (यात्रा भत्ता) नियम, 1959

भारतीय न्यायपालिका की गरिमा एवं स्वतंत्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (यात्रा भत्ता) नियम, 1959 बनाए गए। ये नियम उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की आधिकारिक यात्राओं से संबंधित व्ययों की प्रतिपूर्ति हेतु प्रावधान करते हैं। इन नियमों के तहत, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को आधिकारिक कार्यों के लिए देश के भीतर यात्रा करने पर यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, आवास व्यय एवं अन्य संबंधित खर्चों की प्राप्ति का अधिकार होता है। इन प्रावधानों का उद्देश्य न्यायाधीशों को उनकी आधिकारिक यात्राओं के दौरान किसी आर्थिक असुविधा का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करना है, ताकि वे निष्पक्ष रूप से न्यायिक कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। ये नियम न्यायपालिका की स्वायत्तता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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