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कीटनाशी अधिनियम, 1968 (The Insecticides Act, 1968)

कीटनाशी अधिनियम, 1968 भारत सरकार द्वारा मनुष्यों, जीव-जंतुओं और पर्यावरण को कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम का उद्देश्य कीटनाशकों के आयात, निर्माण, विक्रय, परिवहन, वितरण और उपयोग को विनियमित करना है। यह अधिनियम 2 सितंबर, 1968 को पारित किया गया और 1 मार्च, 1971 से लागू हुआ। इसके निर्माण का मुख्य कारण कीटनाशकों के अनियंत्रित उपयोग से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं और पर्यावरणीय क्षति थी, जिसके चलते एक कानूनी ढांचे की आवश्यकता महसूस की गई।
महत्व और प्रभाव
कीटनाशी अधिनियम, 1968 ने कीटनाशकों के उपयोग को सुरक्षित और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कारण:
नकली या हानिकारक कीटनाशकों पर अंकुश लगा।
किसानों और उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद उपलब्ध हुए।
पर्यावरण और जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

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