top of page

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (The Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019)

जम्मू-कश्मीर भारत का एक विशेष दर्जा प्राप्त राज्य था, जिसे संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष स्वायत्तता प्रदान की गई थी। यह अनुच्छेद 1947 में हस्ताक्षरित 'इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन' के आधार पर लागू किया गया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान, झंडा और आंतरिक प्रशासन का अधिकार दिया गया था, सिवाय रक्षा, विदेश मामलों और संचार के क्षेत्रों के। हालांकि, 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय कर दिया और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को पारित किया। इस अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर (विधानसभा के साथ) और लद्दाख (बिना विधानसभा के) में विभाजित कर दिया गया।
इस अधिनियम ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्वायत्तता को समाप्त कर दिया और इसे भारत के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समान स्थिति में ला दिया।
यह कदम सरकार द्वारा "एक देश, एक संविधान" के सिद्धांत को मजबूत करने के लिए उठाया गया था।
इसके पीछे सरकार का तर्क था कि इससे जम्मू-कश्मीर में विकास, सुरक्षा और एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
इस फैसले का जम्मू-कश्मीर के कुछ राजनीतिक दलों और निवासियों द्वारा विरोध किया गया, जिन्होंने इसे राज्य की स्वायत्तता पर हमला बताया।
हालांकि, कई अन्य लोगों ने इसे जम्मू-कश्मीर के विकास और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक सकारात्मक कदम माना।

  • Picture2
  • Telegram
  • Instagram
  • LinkedIn
  • YouTube

Copyright © 2025 Lawcurb.in

bottom of page