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भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 2008 (The Airports Economic Regulatory Authority of India Act, 2008)

भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी, AERA) अधिनियम, 2008 को भारत की संसद द्वारा 5 दिसंबर, 2008 को पारित किया गया था। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य विमानपत्तनों (एयरपोर्ट्स) पर प्रदान की जाने वाली वैमानिक सेवाओं के लिए टैरिफ और अन्य प्रभारों को विनियमित करना तथा विमानपत्तनों के कार्यप्रदर्शन मानकों की निगरानी करना था। यह अधिनियम भारत में विमानन क्षेत्र के आर्थिक पहलुओं को संचालित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक संरचना स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
प्राधिकरण की स्थापना: अधिनियम के तहत, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (AERA) की स्थापना की गई। इस प्राधिकरण का मुख्य कार्य महा विमानपत्तनों (मेजर एयरपोर्ट्स) के संबंध में टैरिफ निर्धारित करना, विकास फीस तय करना, और सेवाओं की गुणवत्ता की निगरानी करना है।
संरचना और कार्य: प्राधिकरण में एक अध्यक्ष और सदस्य शामिल होते हैं, जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इनके कार्यकाल, वेतन, और सेवा शर्तें अधिनियम में निर्धारित की गई हैं। प्राधिकरण को विमानपत्तनों से संबंधित विवादों का निपटारा करने और अपील सुनने का अधिकार भी प्रदान किया गया है।
टैरिफ निर्धारण: AERA को विमानपत्तनों पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए टैरिफ निर्धारित करने का अधिकार है। इसमें विमानपत्तन सुविधाओं की लागत, सेवाओं की गुणवत्ता, और अन्य प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखा जाता है।
अपील प्रणाली: अधिनियम में एक अपील अधिकरण (Appellate Tribunal) की स्थापना का प्रावधान है, जो प्राधिकरण के निर्णयों के विरुद्ध अपील सुनता है। यह अधिकरण विवादों का निपटारा करने और न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वित्तीय प्रबंधन: प्राधिकरण का बजट केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाता है, और इसकी वित्तीय गतिविधियों की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। इसके लेखाओं की जाँच भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा की जाती है।
इस अधिनियम ने भारत में विमानपत्तनों के आर्थिक विनियमन को एक संरचित और पारदर्शी ढाँचा प्रदान किया।
यह अधिनियम विमानन क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत नियामक आधार प्रदान करता है।
AERA की स्थापना से विमानपत्तनों की सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार हुआ है, जिससे यात्रियों और हवाई सेवा प्रदाताओं को लाभ हुआ है।
भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 2008 एक महत्वपूर्ण कानूनी ढाँचा है जो भारत के विमानन क्षेत्र के आर्थिक पहलुओं को विनियमित करता है। इसके माध्यम से विमानपत्तनों की सेवाओं की गुणवत्ता, टैरिफ निर्धारण, और विवाद निपटारे की प्रक्रिया को सुचारू बनाया गया है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बना है।

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