top of page

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2020 (The National Defence University Act, 2020)

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2020 भारत सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पारित एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम का उद्देश्य एक प्रमुख संस्थान की स्थापना करना है जो राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा रणनीति और संबंधित विषयों में विशेषज्ञता प्रदान करे। यह विश्वविद्यालय सैन्य बलों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर देश की सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेगा।
भारत में रक्षा शिक्षा को व्यवस्थित करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। वर्ष 2020 में इस अधिनियम को लागू करने से पहले, देश में रक्षा अध्ययन के लिए कोई एकीकृत संस्थान नहीं था। इसकी प्रेरणा अमेरिका जैसे देशों की राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय प्रणाली से ली गई, जहाँ सैन्य और नागरिक नेतृत्व को संयुक्त रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। भारत सरकार ने इस अधिनियम के माध्यम से एक समान संरचना बनाने का प्रयास किया, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन किया जा सके।
विश्वविद्यालय की स्थापना: इस अधिनियम के तहत एक स्वायत्त राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान है, जो रक्षा अध्ययन, रणनीति और प्रौद्योगिकी में उच्च शिक्षा प्रदान करेगा।
पाठ्यक्रम और शोध: विश्वविद्यालय में सैन्य विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक रणनीतियों जैसे विषयों पर पाठ्यक्रम शामिल होंगे। शोध के माध्यम से नवीन रक्षा प्रौद्योगिकियों का विकास किया जाएगा।
संरचना: विश्वविद्यालय में एक कुलपति, शिक्षक और विशेषज्ञों की एक टीम होगी, जिसमें सैन्य और नागरिक दोनों क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
वित्तीय प्रबंधन: विश्वविद्यालय को सरकारी अनुदान और निजी क्षेत्र से धन प्राप्त होगा, जिसका उपयोग शोध और अवसंरचना विकास के लिए किया जाएगा।
यह अधिनियम भारत की रक्षा शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह न केवल सैन्य बलों को आधुनिक ज्ञान से लैस करेगा, बल्कि नागरिक नेतृत्व को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर संवेदनशील बनाएगा। इसके अलावा, यह विश्वविद्यालय देश की सुरक्षा नीतियों को वैज्ञानिक और रणनीतिक आधार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

  • Picture2
  • Telegram
  • Instagram
  • LinkedIn
  • YouTube

Copyright © 2025 Lawcurb.in

bottom of page