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विश्वी भारती अधिनियम, 1951 ( The Visva-Bharati Act, 1951

विश्व भारती अधिनियम, 1951 भारतीय संसद द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसका उद्देश्य शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल में स्थित विश्व भारती संस्था को राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित करना था। इस संस्था की स्थापना महान कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी। टैगोर का सपना था कि विश्व भारती एक ऐसा शैक्षणिक केंद्र बने जहां पूर्वी और पश्चिमी संस्कृतियों का समन्वय हो तथा शिक्षा के माध्यम से मानवता की सेवा की जाए। 1951 के इस अधिनियम के माध्यम से विश्व भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया, जिससे इसकी स्वायत्तता और प्रशासनिक संरचना को मजबूती मिली।

विश्व भारती अधिनियम में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं, जैसे 1961, 1971, 1984 और 2005 के संशोधन। इनमें से 1984 के संशोधन ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और शैक्षणिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिसमें नए पदों का सृजन और मौजूदा नियमों को अधिक स्पष्ट किया गया।

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