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श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेन्द्रम, अधिनियम, 1980 (The Sree Chitra Tirunal Institute of Medical Science and Technology, Trivandrum, Act, 1980)

श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (SCTIMST) की स्थापना 1980 में भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय महत्व की संस्था के रूप में की गई थी। इस अधिनियम का उद्देश्य केरल राज्य के श्री चित्रा तिरुनल मेडिकल सेंटर सोसाइटी को एक उच्चस्तरीय संस्थान में परिवर्तित करना था, जो जीव-आयुर्विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा दे। यह संस्थान त्रिवेन्द्रम (अब तिरुवनंतपुरम) में स्थित है और इसकी स्थापना का मुख्य लक्ष्य चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना था।
वित्तीय प्रबंधन:
संस्थान के पास अपनी निधि होती है, जिसमें सरकारी अनुदान, फीस, और दान शामिल होते हैं। संस्थान का बजट केन्द्रीय सरकार को प्रस्तुत किया जाता है, और इसकी लेखा परीक्षा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा की जाती है।
कर्मचारियों की सेवा शर्तें:
अधिनियम में संस्थान के कर्मचारियों, शिक्षकों, और अन्य अधिकारियों की सेवा शर्तों, वेतन, पेंशन, और अन्य लाभों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। संस्थान को अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन और भविष्य निधि योजनाएँ स्थापित करने का अधिकार भी दिया गया है।
यह अधिनियम भारत में चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इसने केरल राज्य में एक उच्चस्तरीय संस्थान की स्थापना की, जो न केवल चिकित्सा शिक्षा बल्कि अनुसंधान और तकनीकी विकास में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। संस्थान ने देशभर में चिकित्सा पेशेवरों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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