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संपत्ति-अंतरण अधिनियम, 1882 (The Transfer of Property Act, 1882)

संपत्ति-अंतरण अधिनियम, 1882 भारतीय विधि व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण कानून है, जो संपत्ति के हस्तांतरण से संबंधित नियमों को परिभाषित करता है। यह अधिनियम 17 फरवरी, 1882 को लागू हुआ और इसका उद्देश्य संपत्ति के अंतरण की प्रक्रिया को स्पष्ट एवं व्यवस्थित करना था। इसमें संपत्ति के विभिन्न प्रकारों, हस्तांतरण के तरीकों, दायित्वों और अधिकारों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
यह कानून संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें विक्रय, बंधक, पट्टे और उपहार जैसे विभिन्न प्रकार के हस्तांतरण शामिल हैं। इस अधिनियम का उपयोग न्यायालयों द्वारा संपत्ति संबंधी मामलों में निर्णय लेने के लिए किया जाता है, जिससे यह भारतीय कानूनी प्रणाली का एक आधारभूत स्तंभ बन गया है।

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