top of page

हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन अधिनियम, 1962 (The Hindi Sahitya Sammelan Act, 1962)

हिंदी साहित्य सम्मेलन अधिनियम, 1962 भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार, विकास और उन्नति के लिए एक राष्ट्रीय संस्था के रूप में हिंदी साहित्य सम्मेलन को मान्यता देने के उद्देश्य से पारित किया गया था। यह अधिनियम 30 मार्च, 1962 को लागू हुआ और इसके माध्यम से इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन को एक कानूनी संस्था का दर्जा प्रदान किया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देना, देवनागरी लिपि का विकास करना, और हिंदी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करना था।
हिंदी भाषा और साहित्य का प्रचार, विकास और उन्नति करना।
देवनागरी लिपि को बढ़ावा देना और अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य को देवनागरी में प्रकाशित करना।
हिंदी में शिक्षण संस्थान स्थापित करना और परीक्षाओं का आयोजन करना।
हिंदी के विद्वानों को पुरस्कार और सम्मान प्रदान करना।
सरकार और अन्य संस्थाओं से अनुदान प्राप्त करना तथा संपत्ति का प्रबंधन करना।
हिंदी साहित्य सम्मेलन की स्थापना 1910 में हुई थी और यह हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में एक अग्रणी संस्था रही है।
1962 के अधिनियम ने इस संस्था को एक कानूनी ढाँचा प्रदान किया, जिससे इसकी गतिविधियों को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके।
यह अधिनियम हिंदी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देने और संविधान के अनुच्छेद 351 में निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

  • Picture2
  • Telegram
  • Instagram
  • LinkedIn
  • YouTube

Copyright © 2025 Lawcurb.in

bottom of page